The 2-Minute Rule for Lal kila
The 2-Minute Rule for Lal kila
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इस किले का एक अर्ध-वृत्ताकार नक्शा है, जिसकी सीधी ओर यमुना नदी के समानांतर है। इसकी चहारदीवारी सत्तर फीट ऊंची हैं। इसमें दोहरे परकोटे हैं, जिनके बीछ बीच में भारी बुर्ज बराबर अंतराल पर हैं, जिनके साथ साथ ही तोपों के झरोखे, व रक्षा चौकियां भी बनी हैं। इसके चार कोनों पर चार द्वार हैं, जिनमें से एक खिजड़ी द्वार, नदी की ओर खुलता है।
Agra Fort has quite a few solution subterranean apartments and edifices. It is claimed that the entire fort is interconnected by means of tunnels and various underground pathways. In keeping with historians, the emperors who owned the fort throughout their respective reigns are stated to have contributed to The key tunnels for obvious good reasons.
भारत में जब मुगलों का अधिपत्य नहीं हुआ था, तब भी यहां कला और स्थापत्य के अचंभित कर देने वाले धरोहर मौजूद थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है की आगरा का लाल किला मुगलों के आने से पहले ही स्थापित किया गया था।
ताजमहल तेजोमहालय शिव मंदिर है : पुरुषोत्तम नागेश ओक…
The Crimson Fort was developed because the palace for of shahjahanbad it absolutely was the fifth funds of Mughal emperor of India shahjan redfort is Indias most important place
赤い城(レッド・フォート)の建造物群はどんな理由で世界遺産に登録されているの?
अलंकृत स्तंभ शहर की ओर का दिल्ली द्वार, चारों में से भव्यतम है। इसके अंदर एक और द्वार है, जिसे हाथी पोल कहते हैं, जिसके read more दोनों ओर, दो वास्तवाकार पाषाण हाथी की मूर्तियां हैं, जिनके स्वार रक्षक भी खड़े हैं। एक द्वार से खुलने वाला पुर, जो खाई पर बना है, व एक चोर दरवाजा, इसे अजेय बनाते हैं।
दूसरे परियोजनाओं में विकिमीडिया कॉमन्स
इसके बाद मुगल सम्राट अकबर के पोते शाहजहां को इस किले का उत्तराधिकारी बनाया और शाहजहां ने अपने शासनकाल में इस किले को सफेद संगमरमर के पत्थरों से बनवाया.
दीवान-ए-आम - में मयूर सिंहासन या तख्ते ताउस स्थापित था इसका प्रयोग आम जनता से बात करने और उनकी फरयाद सुनने के लिये होता था।
स्मारक स्वरूप दिल्ली गेट, सम्राट का औपचारिक द्वार था, जिसे भारतीय सेना द्वारा (पैराशूट ब्रिगेड) हेतु किले के उत्तरी भाग के लिये छावनी रूप में प्रयोग किया जा रहा है। अतः दिल्ली द्वार जन साधारण हेतु खुला नहीं है। पर्यटक लाहौर द्वार से प्रवेश ले सकते हैं, जिसे कि लाहौर की ओर (अब पाकिस्तान में) मुख होने के कारण ऐसा नाम दिया गया है।
केन्द्रीय हिमालयी संस्कृति शिक्षण संस्थानम् , दाहूँग,, अरुणाचल प्रदेश
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